सुप्रीम कोर्ट आज आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने कौशल विकास घोटाला मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग की है।
यहां तीसरे दिन की लाइव अपडेट्स हैं:
- नायडू के वकील ने तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 17ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 के संशोधन के बाद लागू हुई थी। एफआईआर 2018 के संशोधन से पहले दायर की गई थी, इसलिए धारा 17ए लागू नहीं होती है।
- राज्य के वकील ने तर्क दिया कि जांच धारा 17ए के लागू होने से पहले शुरू हुई थी, इसलिए धारा 17ए लागू होती है।
- नायडू के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि एफआईआर में कोई ठोस आरोप नहीं है।
- राज्य के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर में लगाए गए आरोप जांच के बाद ही साबित होंगे।
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
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अगली सुनवाई कब होगी?
सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं की है। हालांकि, उम्मीद है कि फैसला जल्द ही सुनाया जाएगा।
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इस मामले का क्या महत्व है?
यह मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 के संशोधन के बाद धारा 17ए की व्याख्या से संबंधित है। धारा 17ए भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता से संबंधित है।
यदि सुप्रीम कोर्ट यह फैसला करता है कि धारा 17ए इस मामले में लागू होती है, तो यह नायडू को राहत मिल सकती है। हालांकि, यदि सुप्रीम कोर्ट यह फैसला करता है कि धारा 17ए लागू नहीं होती है, तो नायडू को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है।
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