पश्चिमी यूपी अलग राज्य बनेगा, मेरठ होगी राजधानीः डॉ0 संजीव बालियान

उन्होंने केंद्रीय सेवाओं में जाट समुदाय को आरक्षण देने और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम और राजा महेंद्र प्रताप को भारत रत्न देने की मांग भी प्रमुखता से उठाई।

मेरठ। केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि एक दिन ऐसा होगा और मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी बनेगा। वह सुभारती विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित कर रहे थे। साथ ही उन्होंने केंद्रीय सेवाओं में जाट समुदाय को आरक्षण देने और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटूराम और राजा महेंद्र प्रताप को भारत रत्न देने की मांग भी प्रमुखता से उठाई।

डॉ. बालियान ने कहा कि मेरठ क्रांतिधरा है। पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनने का सपना मैं बहुत दिनों से देख रहा हूं। हालांकि लोग यह बात कहने से डरते हैं, मेरा विश्वास है कि मेरठ एक दिन जरूर राजधानी बनेगा। उन्होंने आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी ने जाटों को आरक्षण दिया था। इस फैसले के खिलाफ कौन अदालत में गया, सब जानते हैं।

उन्होंने जाट को राष्ट्रवादी कौम बताते हुए कहा कि देश की रक्षा और मान-सम्मान के लिए जाट बिरादरी हमेशा आगे रही है। आरक्षण में मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता, समाज के लोग आगे रहेंगे तो मैं भी उनके पीछे हूं। बिरादरी पर जब भी संकट आया, मैंने अपने सामर्थ्य से ज्यादा मदद की है। उन्होंने समाज के लोगों से एकजुट रहने और अन्य समाज से भी सामंजस्य बनाने की बात कही।

जाट संसद में अमेरिका से कृपाल सिंह खापरा, ऑस्ट्रेलिया से मोहित नैन, मेलबर्न से सुमित कुंड, कैनबरा से अमित बूरा, सिडनी से टीनू जाट, चीन से बलराज हुड्डा, फ्रांस से चौधरी कपिल डागर, अमरीश काजला और पूनम चौधरी सहित करीब 80 देशों के लोग मौजूद रहे। पड़ोसी जनपदों के अलावा हरियाणा और राजस्थान, पंजाब के लोग काफी संख्या में आए। समाज के लोगों को पगड़ी बांधकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान राजस्थान के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी।

जाट संसद में सामाजिक भाईचारे को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। गौरवशाली जाट इतिहास को याद किया गया। युवाओं को विदेशों में उच्च शिक्षा के अवसर पैदा करने, समाज के सामाजिक व राजनीतिक नेतृत्व को मजबूत करने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पर मंथन किया गया। नशा मुक्त जाट समाज पर चर्चा हुई। केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग की गई व इसके लिए प्रयास किया जाएगा। सर छोटूराम, चौधरी चरण सिंह व राजा महेंद्र प्रताप को भारत रत्न की मांग रखी गई। ग्लोबल जाट मीडिया सेंटर की स्थापना की जाएगी। गौरवशाली जाट इतिहास को अंतरराष्ट्रीय जाट संसद द्वारा डिजिटल किया जाएगा।

कार्यक्रम में जाट समाज के प्रबुद्ध लोग, बिजनेसमैन, खिलाड़ी, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, कलाकार, राजनेताओं को सम्मानित किया गया। संयोजक रामावतार पलसानियां व परमेश्वर कलवानियां ने इनका स्वागत किया। उन्होंने बताया कि जाट संसद कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य पर कार्य कर रही है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष मांगेराम चौधरी, बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया, अतुल कुमार, जिला जाट सभा मेरठ के अध्यक्ष रवींद्र मलिक, सपा प्रवक्ता डॉ. सुधीर पंवार, अभिनेता बिंदर दनोदा, एनडी जाट, चौधरी प्रेम सिंह, प्रीत सिंधू, अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष चौधरी, पूर्व विधायक उमेश मलिक, भाकियू वर्मा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा, सहकारी समिति के चेयरमैन अमरजीत पंवार, नीरज जिटौली आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में बेगमपुल पर बन रहे रैपिड रेल स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम से किए जाने की मांग की गई। वीर गौकुला, महाराजा सूरजमल, महारानी किशोरीदेवी, धन्ना भगत, कर्माबाई, वीर तेजाजी महाराजा रणजीत सिंह, राजा नाहरसिंह, सेठ छाजूराम लांबा, सर छोटूराम, चौधरी चरण सिंह, राजा महेंद्रप्रताप, बाबा महेंद्र सिंह टिकैत, बाबा शाहमल तोमर, चौधरी देवीलाल, चौधरी कुम्भाराम आर्य आदि जाट महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास को राज्य और केंद्रीय शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की गई।

जाट संसद में संबोधन के दौरान पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक बेबाक तेवर में नजर आए। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे जब कहा, यहां बैठे रिटायर्ड आईएएस एसके वर्मा ने आरक्षण के मसले में हमारी और यशपाल की मदद की, तो मंच पर बैठे यशपाल मलिक ने इसका विरोध, जिस पर हरेंद्र मलिक ने कहा कि यशपाल जी आप झूठ बोल रहे है, हमें झूठा बता रहे, हम झूठ नहीं बालते, किसी ओर को छेड़ियों, मुझे छेड़ने की कोशिश ना करो। इतना कहने के बाद हरेंद्र मलिक ने धन्यवाद कर अपना भाषण खत्म किया और मंच से उतर कर चले गए। यह नोकझोंक चर्चा का विषय बन गई। सोशल मीडिया पर भी यह खूब वायरल हो रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने कहा, जाट समाज कष्टों और परेशानी से जूझ रहा है। जाट समाज का सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व कमजोर हो चुका है। जाट समाज के युवा और बुजुर्गों को सोचने समझने की जरूरत है। समय रहते परिस्थिति को नहीं समझे तो आने वाले समय में हालात बद से बदतर हो सकते हैं।

पूर्व सांसद व सपा के राष्ट्रीय महासचिव हरेंद्र मलिक ने समाज की स्थिति पर चिंता जताई। कहा कि विकट समय में हम जी रहे हैं। हमारे हालात बहुत खराब हैं। हमें अपनी पीढ़ी के लिए चिंतन करना होगा। नौजवान नशे के दलदल में फंसा है। उसे सही राह दिखानी होगी। शिक्षा के क्षेत्र में हमें और कार्य करना होगा। मंचासीन लोग भी शिक्षा के लिए काम करें, ताकि समाज के युवाओं को रोजगार मिल सके। हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है। हम अपनी पीढ़ी के लिए क्या कर रहे है, यह हमें सोचना होगा। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक यशपाल मलिक ने कहा कि समाज के उत्थान और युवाओं को रोजगार के लिए आरक्षण जरूरी है। समाज आरक्षण के लिए संघर्ष करते रहे। आरक्षण लेना है तो राजनीति से ऊपर उठना पड़ेगा। सत्ता में मौजूद समाज के लोगों को भी सदन में इसकी मांग उठानी होगी। उन्होंने कहा, संगठनों पर कब्जा करना बंद कर हमें एकजुट होना पड़ेगा।

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