भारत-कनाडा विवाद में कौन फंसेगा? टारगेट किलिंग पर क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून

भारत और कनाडा के बीच टारगेट किलिंग पर विवाद जारी है। कनाडा का आरोप है कि भारत ने अपने देश में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या की है। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है।

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, किसी देश की संप्रभुता का सम्मान करना आवश्यक है। किसी भी देश की सेना या सुरक्षा एजेंसियां दूसरे देश की सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकती हैं। टारगेट किलिंग भी एक ऐसी कार्रवाई है जो किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन करती है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कानून में टारगेट किलिंग को पूरी तरह से गैरकानूनी नहीं माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने या किसी देश के लिए खतरा पैदा करने के लिए साबित किया जा सकता है, तो उस व्यक्ति को मारना वैध हो सकता है।

भारत का तर्क है कि हरदीप सिंह निज्जर एक सक्रिय खालिस्तानी आतंकवादी था और वह भारत के लिए खतरा था। भारत ने यह भी दावा किया है कि निज्जर की हत्या भारतीय सीमा के बाहर हुई थी, इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है।

कनाडा का तर्क है कि निज्जर एक राजनीतिक कार्यकर्ता था और उसकी हत्या एक मानवाधिकार उल्लंघन है। कनाडा ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा करने के लिए भी दबाव डाला है।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि भारत-कनाडा विवाद का अंत कैसे होगा। हालांकि, यह स्पष्ट है कि टारगेट किलिंग एक विवादास्पद मुद्दा है जो अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के लिए चुनौती पेश करता है।

भारत और कनाडा के बीच विवाद में कौन फंस सकता है?

भारत और कनाडा के बीच विवाद में दोनों देश फंस सकते हैं। यदि भारत के दावे सही हैं, तो कनाडा को यह साबित करना होगा कि निज्जर एक राजनीतिक कार्यकर्ता था और उसकी हत्या एक मानवाधिकार उल्लंघन थी। यदि कनाडा के दावे सही हैं, तो भारत को यह साबित करना होगा कि निज्जर एक सक्रिय खालिस्तानी आतंकवादी था और उसकी हत्या वैध थी।

इस विवाद का अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यदि भारत के दावे सही साबित होते हैं, तो यह टारगेट किलिंग के वैधता के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। यदि कनाडा के दावे सही साबित होते हैं, तो यह टारगेट किलिंग को एक अंतरराष्ट्रीय अपराध के रूप में मान्यता देने के लिए दबाव बढ़ा सकता है।

टारगेट किलिंग पर अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहता है?

अंतरराष्ट्रीय कानून में टारगेट किलिंग को पूरी तरह से गैरकानूनी नहीं माना जाता है। हालांकि, टारगेट किलिंग को वैध ठहराने के लिए कुछ शर्तें पूरी होनी चाहिए।

  • टारगेट किलिंग का लक्ष्य एक वैध सैन्य लक्ष्य होना चाहिए।
  • किलिंग को आत्मरक्षा या अन्य वैध सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए।
  • टारगेट किलिंग का लक्ष्य एक नागरिक नहीं होना चाहिए।

यदि इन शर्तों को पूरा नहीं किया जाता है, तो टारगेट किलिंग को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जा सकता है।

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