भारत में कैंसर से महिलाओं की मौत के 69 फीसदी मामले प्रिवेंटेबल: लैंसेट स्टडी में खुलासा

एक नई Lancet रिपोर्ट में इस बात को हाइलाइट किया गया है कि जागरूकता की कमी, वित्तीय संकट, और निर्णय निर्माण की ताकत कैंसर के समय पर निदान और उपचार की महिलाओं के मौकों को कैसे कम कर देती है।

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि भारत में महिलाओं में होने वाली करीब 69 लाख कैंसर से होने वाली मौतें रोकी जा सकती थीं। अध्ययन में पाया गया कि स्तन, गर्भाशय और फेफड़ों के कैंसर महिलाओं में होने वाली मौत के प्रमुख कारण हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की तुलना में शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में कैंसर से मरने की संभावना अधिक होती है।

अध्ययन के लेखकों का कहना है कि कैंसर की रोकथाम और उपचार को लेकर भारत में लिंग असमानता है। उनका कहना है कि महिलाओं को कैंसर के बारे में जागरूकता कम होती है और उन्हें स्क्रीनिंग और उपचार तक पहुंच भी कम होती है।

अध्ययन के लेखकों ने भारत सरकार से कैंसर की रोकथाम और उपचार कार्यक्रमों में लैंगिक समानता लाने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि सरकार को महिलाओं के लिए कैंसर की जागरूकता बढ़ानी चाहिए और उन्हें स्क्रीनिंग और उपचार तक बेहतर पहुंच प्रदान करनी चाहिए।

अध्ययन के अनुसार, भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • महिलाओं में कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • महिलाओं को कैंसर की स्क्रीनिंग और उपचार तक बेहतर पहुंच प्रदान करना।
  • कैंसर के जोखिम कारकों जैसे कि तंबाकू का सेवन और मोटापे को कम करना।
  • महिलाओं के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।

भारत सरकार को इन उपायों को लागू करके महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने के लिए काम करना चाहिए।

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