भारत का सौर मिशन बहुत ही अहम पड़ाव पर है , इस पॉइंट पर आदित्य एल – 1 बहुत अच्छे से सूर्य का अध्यन कर सकता है।इसके लिए लेंगरेज पॉइंट -1 तक पहंचने के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजरना पड़ेगा , आपकी जानकारी के लिए बता दें की लेंगरेज पॉइंट -1 धरती और सूर्य के बीच के गुर्त्वाकर्षण संतुलन का विन्दु है। पंद्रह लाख किलोमीटर अधिक की यात्रा अब ये स्पेसक्राफ्ट अब अपने आखिरी पड़ाव में है इस स्पेसक्राफ्ट को सितम्बर 2023 में श्रीहरिकोटा से लांच किया गया है और उम्मीद है कि छबीस जनवरी को ये पूरा हो जाएगा
इस दौरान सूरज के वातावरण , इस पर उठने वाले चुंबकीय तुफानो और धरती पर इसके असर का अच्छे से अध्ययन किया जाएगा। सीएमई और अंतर्ग्रहीये चुंबक क्षेत्र जैसी कई घटनाओ की जानकारी भी दी जाएगी। इससे रिसर्च से न सिर्फ भारत बल्कि पुरे विश्व को अध्ययन के अच्छे आंकड़े मिल जायेंगे।
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जानकारी के मुताबिक इंसर्शन के सरे प्रयास सफल रहे हैं , और इसके लिए टीम इसरो को सचेत रहना होगा , इसके लिए अंतरिक्ष यान की पोजीशन और स्पीड पर पूरा ध्यान केंद्रित होना चाहिए। ऑनबोर्ड थ्रस्टर को एक्टिव होना पड़ेगा ताकि ये अपने रस्ते से भटके न