Lok Sabha चुनाव: इस वजह से चुने गए हैं यह लोकसभा क्षेत्र, UP की इन सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है सपा

वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव सपा ने बसपा के साथ मिलकर लड़ा था। सपा नेताओं का मानना है कि उस चुनाव में जौनपुर, मऊ और अंबेडकरनगर सरीखी अधिक संभावना वाली सीटें बसपा के लिए चली गई थीं।

सीटों को लेकर पार्टियां अपनी रणनीति बनाने लगी हैं जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आते जाते हैं। इंडिया गठबंधन के पक्ष में सबसे अधिक बहस होती है। कांग्रेस, रालोद और सपा के लिए कितनी सीटें बचती हैं, इसमें सभी उत्सुक हैं। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के घटक दलों से पहले उन लोकसभा सीटों को छोड़ सकती है, जहां उसे कभी जीत नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश में ऐसी करीब 19 सीटें हैं। साथ ही, सपा इन पर दावा नहीं करेगी क्योंकि इनमें से कई सीटों पर घटक दल बेहतर काम कर रहे हैं।

सपा और बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में एक साथ लड़ा था। सपा नेताओं का कहना है कि बसपा ने उस चुनाव में अधिक संभावना वाली जौनपुर, मऊ और अंबेडकरनगर सीटें जीतीं, जबकि सपा ने लखनऊ और वाराणसी की सीटें जीतीं, जहां वह कभी नहीं जीती थी। इसलिए, गठबंधन के तहत सपा इस बार उन सीटों को पहले देगी, जहां उसे अपने स्थापना से लेकर आज तक सफलता नहीं मिली है।

ये हैं वह सीटें 
सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की करीब 19 सीटें चिह्नित भी की गई हैं। ये हैं-बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, हाथरस, बरेली, कानपुर, पीलीभीत, धौरहरा, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, सुल्तानपुर और लखनऊ। इसके अलावा अमेठी व रायबरेली में राजनीतिक शिष्टाचार के तहत सपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारती रही है, क्योंकि यहां से गांधी परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते हैं। यहां बता दें कि इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। शीघ्र ही राज्यवार मंथन किया जाएगा।

कांग्रेस ने दोनों विकल्प हैं खोले
कांग्रेस और सपा के बीच पिछले कुछ समय से सीटों को लेकर गर्मजोशी वाले बयान नहीं आ रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं कि इंडिया गठबंधन को सीटें देंगे ना कि उसने मांगेंगे। इसका साफ मतलब यह है कि यूपी सपा अपने अनुसार ही टिकट बांटने की बात कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस बसपा के साथ भी बातचीत कर रही है। सूत्रों के अनुसार मायावती और प्रियंका गांधी की इस मसले पर एक-दो बार मुलाकात हो चुकी है। इसके साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय यह बात कई बार दोहरा चुके हैं कि कांग्रेस सभी सीटों को लड़ने के हिसाब से तैयारी कर रही है।

कांग्रेस का दावा मजबूत
इंडिया गठबंधन में वैसे तो रालोद भी है लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस का दावा ज्यादा मजबूत है। पश्चिम यूपी की कुछ सीटों को छोड़कर बाकी पूरे यूपी में सपा और कांग्रेस ही आपस में सीटें बांट सकती हैं।  

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