सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अनुच्छेद 370 के लिए अपना फैसला

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जम्मू कश्मीर पर लगी 370 अनुच्छेद को खत्म करने के ऊपर अपने फैसला सुनाया है और बताया के यह फैसला बिलकुल ठीक था। इस फैसले को सुनकर पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने कहा की भारत बहुत दुर्व्यवहार कर रहा है और कई देश इस तरह के दुर्व्यवहार का अनुवभ केर रहे हैं। और उन्होंने ये भी कहा की भारत स्नायुक्त राष्ट्र के सेफ्टी प्रस्तावों को भी अनदेखा कर रहा है।

इस फैसले को सुनते वक़्त चीफ जस्टिस चंद्रचूड ने कहा की जम्मू के अनुच्छेद 370 को खत्म करने तथा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला बिलकुल सही है साथ ही में उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और लदाख ऐसे जगह हैं जहाँ चारो और सूंदर पहाड़ियां , शांत वातावरण हैं जो लाखो सेनानियों को मंत्र मुग्ध कर देता है पर बहुत से सालो से इस राज्य ने बहुत सी कठिनाईओं का समना किया है जो कि आगे नहीं होगा। जम्मू – कश्मीर के लोगो में भी विश्वास और ताकत है पर वह किसी भी तरीके से उसे देश के हित में नहीं लगा पा रहे थे। वो भी अपने बचो के लिए एक गुणवत्ता भरा जीवन चाहते थे जो शांतिपूर्वक और हिंसा मुक्त हो पर कई कारणों से वो ये सब नहीं कर पा रहे थे। जिसके लिए अब वह आजाद हैं।

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जस्टिस चंद्रचूड ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है और चुनाव आयोग को आर्डर दिया है कि वह आने वाले साल सितम्बर में चुनाव भी करवाएं जो कि 30 सितम्बर 2024 को विधानसभा चुनाव करवाए। कोर्ट के द्वारा 16 दिन जो इस वहस के बिच 5 दीताम्बर को हे अपना फैसला कर लिया था। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खतम करने और दो राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने के लिए 23 याचिकाएं दायर कि थी और याचिका दायर करने वालो में समाज संगठन, वकील, राजनेता, पत्रकार और कार्यकर्ता शामिल थे।

क्या था 370 – अनुच्छेद

यह अनुच्छेद भारत के संविधान का एक प्रावधान था यह इसमें भारतीय संविधान को एक एक राज्य में सिमित करना था और इसके साथ यह जम्मू कश्मीर को एक खास दर्जा देता था। इसके साथ इस्पे सिरद अनुच्छेद 1 लागू होता था जिसमे कहा गया था कि भारत राज्यो का एक संघ है जिसमे और कोई अनुच्छेद लागू नहीं हो सकता और जम्मू कश्मीर एक अलग हे संविधान था।
जम्मू और कश्मीर में संविधान कि सभा कि रचना 1951 में की गयी थी जिसके 75 सदस्य थे.

अगर हम आपको सीधे भाषा में कहें कि अनुच्छेद 370 और धरा 3 A जम्मू कश्मीर और लधक के लिए एक तरह से बहुत बड़ी बाधा के रूप में इनके सामने खड़ी थी। इसकी वजह से कई गरीब, मताये , बच्चे पीड़ित थे , कई लोगो को इसकी वजह से अपने अधिकार और विकास से वंचित रह गए और राज्य के लोगो के बीच दूरिया बन गयी। इसलिए हमने सोचा कि बीएस अब और इन राज्यों पर हम परेशानी उत्पन्न नहीं होने देंगे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा इसलिए मैं दीवाली के उपलक्ष पर जम्मू – कश्मीर में रहने का फैसला किया था।

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