अमित शाह का ने सदन में पंडित जवाहर लाल नेहरू के द्वारा की गयी 2 गलतियो के बारे में बताया जो उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में की थी। जो उन्होंने निर्णय लिए थे उसके परिणाम आज भी कश्मीर को झेलने पड़ रहे है।ये तो सच बात है अगर नेहरू ने विदेश विभाग अपने पास न रखा होता तो इस तरह की समस्याओ का जन्म नहीं होता बल्कि सरदार वलभ भाई पटेल को भी इसमें शामिल किया होता तो बात कुछ और होती। पटेल ने 1950 के एक पत्र में नेहरू को चीन और तिब्बत के प्रति निति के बारे सतर्क रहने को कहा था। पटेल ने लिखा था की चीन की नियत ठीक नहीं है पर नेहरू ने किसी की नहीं सुनी
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जवाहर लाल नेहरू की वजह से कश्मीर में बहुत बड़े कांड किये हैं जिसको कश्मीर ने सहा है तो पहले बात करते हैं की सबसे पहले उन्होंने सीज फायर की और दूसरा कश्मीर मुद्दे को यूएन में ले जाया गया। अमित शाह के इस बयान पर सदन में उनके खिलाफ नारे वजी लगाई गयी और उनको सदन से बहार का रास्ता दिखाया गया। जो की बड़ी बात है पर वो अपनी बात पर डेट रहे की उनकी बहज से हमारे देश इन समस्या की उत्पत्ति हुई है अगर सीज फायर तीन दिन लेट होती तो आज POK भारत के पास होता