बागेश्वर धाम बाबा ने किया क्रिसमस डे का खुलकर विरोध , इन्होने कहा है की यह पश्चिमी सभ्यता का चलन है। इसमें भारतीयों के लिए सेलिब्रेशन या कोई ख़ुशी की बात नहीं है , साथ ही स्कूलों में भी सांता क्लोज़ से जुड़े हुए कार्यक्रम का भी विरोध किया है। सबसे अहम बात ये है कि मध्य प्रदेश के एक स्कूल में एक आदेश जारी किया गया है जहाँ छात्रों को क्रिस्टमस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके माता – पिता से अनुमति लेना आवश्यक होगा।
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा की 25 दिसंबर यानि की क्रिसमस का दिन भारतीय संस्कृति और यूँ कह लीजिये कि सनातनी धर्म के अनुरूप नहीं है। जितने भी सनातनी धर्म के माता पिता हैं उनको अपने बच्चों सांता क्लोज़ के पास न भेजकर श्री हनुमान के मंदिर तथा उनके पूजा पाठ में लगाओ , उन्होंने ये भी कहा कल मातृ – पितृ दिवस है तुलसी पूजन व् माता पिता की पूजा करवाओ | मंदिर जाओ , पूजा करो वहां से प्रसाद लेकर आओ और वाँटो। हमे ये बताओ क्या हम हिन्दू हैं , क्या हम सनातनी हैं इसपर विचार करो ? अगर आप हिन्दू हो तब पाश्चात्य संस्कृति का विरोध करो।
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उन्होंने कहा बच्चो को सांता क्लोज़ की तरफ मत भेजो उन्हें हनुमान की तरफ भेजो , बाबा ने बच्चो के माता – पिता से उनको स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों का ज्ञान देने के लिए भी कहा। अपने बच्चो को मीरा बाई , रानी लक्ष्मी बाई और विवेकानंद जैसे महान व्यक्तियों का वर्णन देने को कहा , बाबा बाघेश्वर धाम क्रिसमस का पूर्ण विरोध करते हैं।