अशनीर ग्रोवर कि हुई धमाकेदार जीत : हाई कोर्ट ने अशनीर ग्रोवर के विरुद्ध अंतरिम आदेश देने से इंकार

अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी पर अस्सी करोड़ के घोटाले का आरोप

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते शुक्रवार को भारतपे के कोफाउंडर शाश्वत नकरानी द्वारा बयान किया एक अंतरिम आवेदन को रद्द कर दिया, जिसमें उस कम्पनी के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर से उन शेयरों को सेल करने या अलग करने से रोकने की फरमाईश की गई थी, जो नकरानी ने उन्हें उस समय बेचे थे। जस्टिस सचिन दत्ता ने आवेदन पत्र को रद्द कर दिया लेकिन उन्होंने अशनीर ग्रोवर से कहा कि जब वह शेयरों को बेचने या ट्रांसफर करने का निर्णय ले तो वह नकरानी को जल्द सूचित करें।

जाने पूरा मामला

यह पूरी तरह से नकरानी का मामला जो उन्होंने ग्रोवर को अपने शेयर दिए थे और ग्रोवर ने हमे बताया कि उन्होंने उनके लिए नकद में भुगतान किया था, लेकिन उसका पैसा उन्हें नहीं मिला एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतपे की शुरुआत शाश्वत नकरानी और भाविक कोलाडिया ने साल 2018 के मार्च में की थी। और में यानि अश्नीर ग्रोवर जुलाई 2018 में कंपनी में तीसरे को -फाउंडर और बोर्ड मेंबर के तौर पर शामिल हुए, और 3,192 शेयर (नकरानी से 2,447 और कोलाडिया से 745) ₹ 10 प्रति शेयर के हिसाब से अशनीर ने शेयर्स खरीदे थे इसी रिपोर्ट में यह खुलासा भी किया गया था कि ग्रोवर को नकरानी को 24,470 रुपये और कोलाडिया को 7,450 रुपये का देने थे , हालांकि, ग्रोवर ने अभी तक शेयरों का भुगतान नहीं किया है।

जो इस मामले की जानकारी रखते हैं उनका कहना है कि इन शेयरों की कीमत अब 500 करोड़ रुपये है। अशनीर के वकील गिरिराज सुब्रमण्यम ने दलील दी कि नकरानी का मामला माल बिक्री अधिनियम, 1930 की पूरी तरह से गलत रूप से व्याख्या की है , गलत व्याख्या और गलतफहमी पर आधारित है।उन्होंने कहा कि ग्रोवर को शेयर्स का ट्रांसफर , उन्हें लगभग पांच साल तक भारतपे में शामिल होने और मेंबर बने रहने की आज्ञा देता कि और दूसरी ओर नकरानी ने न केवल 2 जुलाई, 2018 को प्रतिवादी को शेयर दिए, बल्कि निपटान करने का का कोई अधिकार भी नहीं रखा।

सुब्रमण्यम ने अपने तर्क में कहा है कि अभी के मामले में, अच्छे से कॉन्ट्रैक्ट किया गया है , शेयर ट्रांसफर फॉर्म भी एक्सेक्यूट किया गया है और ग्रोवर का नाम शेयरधारक के रजिस्टर में बकायदा दर्ज किया गया है। और अब उन्होंने कहा कि इससे यह तो पूरी तरह से स्पष्ट होता है कि शेयरों का मालिकाना हक ग्रोवर को दे दिया गया है। कंपनी से क्विट करने के बाद कोलाडिया ने ग्रोवर, नकरानी और मनसुखभाई मोहनभाई नकरानी समेत कुछ अन्य शुरुआती चरण और एंजल निवेशकों को अपने शेयर ट्रांसफर कर दिए।

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कंपनी से क्विट करने के बाद कोलाडिया ने ग्रोवर, नकरानी और मनसुखभाई मोहनभाई नकरानी समेत कुछ अन्य शुरुआती चरण और एंजल निवेशकों को अपने शेयर ट्रांसफर कर दिए।

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